Rameshwaram Temple 10 Features: Jyotirlinga in the Ocean रामेश्वरम मंदिर की 10 विशेषताएं: समुद्र में ज्योतिर्लिंग

रामेश्वरम हिंदुओं का एक पवित्र तीर्थ स्थान है|यह तमिलनाडु के रामनाथपुर जिले में स्थित है|

यह तीर्थस्थल भारत के चार धामों में से एक है। यहाँ स्थापित शिवलिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है |

उत्तर भारत में काशी की जो मान्यता है, वही मान्यता दक्षिण भारत में रामेश्वरम् की है। रामेश्वरम  चेन्नई  से लगभग सवा चार सौ मील दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित है

यह हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से चारों ओर से घिरा हुआ शंख के आकार का  एक  द्वीप है

रामेश्वरम मंदिर जाने का गलियारा विश्व का सबसे लंबा गलियारा है | यह उत्तर-दक्षिण दिशा में 197 मीटर एवं पूर्व-पश्चिम दिशा में 133 मीटर लंबा है

रामेश्वरम् मंदिर भारतीय शिल्पकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। गलियारे में और मंदिर के अंदर सैकड़ौ विशाल खंभें है और हर खंभे पर अलग-अलग कारीगरी की गई है।

गलियारे के एक सिरे पर खडे होकर आप देखंगे तो ऐसा लगता है जैसे सैकड़ों तोरण-द्वार आपका स्वागत करने के लिए ही बनाए गए हों |

रामेश्वरम मंदिर के चारों ओर दूर दूर तक कोई पहाड़ नहीं है, जहां से मंदिर निर्माण के लिए पत्थर आसानी से लाये जा सकें | कहा जाता है की ये सब पत्थर लंका से लाये गये थे।

रामेश्वरम मंदिर बनावट 1000 फुट लंबा ,650ट चौडा  और 125 फुट ऊँचा है | यह रामेश्वरम मंदिर लगभग ६ हेक्टेयर भूमि पर बना हुआ है।

रामेश्वरम मंदिर के परिसर में ही 22 कुंड हैं जिन्हे तीर्थ कहा जाता है |इन कुंडों में स्नान करने से सभी बीमारियो से मुक्ति मिलती है |

रामेश्वरम मंदिर में स्थापित ज्योतिर्लिंग का अभिषेक गंगा जल से किया जाता है और यह गंगा जल उत्तराखंड से लाया जाता है|

रामेश्वरम मंदिर में ज्योतिर्लिंग के रूप में रामानाथ स्वामी की पूजा की जाती है |