मोटीवेशनल स्टोरी हिंदी में : कहानियां जीवन के लिए प्रेरणादायक होती है शर्त यही है कि समझना आना चाहिए। hindiluck.com में आपको यह अद्भुत कहानी पढ़ने को मिल रही है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!आज की मोटीवेशनल कहानी आपके सोये हुए दिमाग को जगा देगी ,आपकी आत्मा को झकझोर देगी आपको सोचने के लिए मजबूर कर देगी कि एक तुच्छ प्राणी कैसे एक राजा को अपने वश में कर लेता है।
मोटीवेशनल स्टोरी हिंदी में | शेर और लोमड़ी की कहानी।
जंगल में एक शेर शिकार की तलाश में निकला। वह पूरी ताकत और भूख के साथ आगे बढ़ रहा था कि अचानक उसके सामने एक लोमड़ी आ गई।
आमतौर पर लोमड़ी जैसी जानवर को शेर से बचना बहुत मुश्किल होता है, और इस स्थिति में भी वही संभावना दिख रही थी कि शेर लोमड़ी को तुरंत अपना शिकार बना लेगा। लेकिन लोमड़ी ने हार मानने की बजाय अपने दिमाग का इस्तेमाल करने का फैसला किया और एक चालाक तरकीब सोची।
लोमड़ी ने पूरी हिम्मत से शेर को चुनौती भरे शब्दों में कहा, “तुम्हारे पास इतनी ताकत नहीं है कि तुम मुझे मार सको।” इस अप्रत्याशित बयान को सुनकर शेर हैरान रह गया।
उसने गंभीरता से लोमड़ी की ओर देखा और पूछा, “तुम ऐसा कैसे कह सकती हो? मैं इस जंगल का सबसे ताकतवर शिकारी हूँ। तुम मुझसे बचने का साहस कैसे कर रही हो?”
लोमड़ी ने आवाज और ऊँची करते हुए कहा, “सुनो, मैं तुम्हें एक सच बताती हूँ। ईश्वर ने मुझे इस जंगल का और यहाँ के सभी जानवरों का राजा बनाया है। अगर तुमने मुझ पर हमला किया तो यह ईश्वर की इच्छा के विरुद्ध होगा, और इसका परिणाम तुम्हारे लिए बुरा हो सकता है।” शेर इस पर विचार करते हुए चुप हो गया। यह उसके लिए कुछ नया और अजीब था।
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लोमड़ी ने आगे कहा, “अगर तुम्हें मेरी बात पर यकीन नहीं है, तो तुम मेरे साथ जंगल में घूमने चलो। देखो कैसे जंगल के सभी जानवर मुझे देखकर डरते हैं और सम्मान से रास्ता छोड़ते हैं। अगर तुम मेरे पीछे-पीछे चलोगे, तो खुद देख सकते हो कि मेरी शक्ति कितनी असली है।” शेर, जो अब तक संशय में था, आखिरकार इस प्रस्ताव को मान गया।
लोमड़ी अब शेर के सामने निर्भीकता से चलने लगी। जैसे ही दोनों जंगल में आगे बढ़े, अन्य जानवर उन्हें देखकर डर गए और दूर भागने लगे। जानवरों को भागते देख शेर को यकीन होने लगा कि लोमड़ी सच बोल रही है। जंगल में घुमते हुए शेर ने देखा कि सभी जानवर वास्तव में लोमड़ी से डर रहे हैं और रास्ता छोड़ते जा रहे हैं।
लोमड़ी ने शेर से पूछा, “अब क्या तुम्हें यकीन हुआ कि मैं जंगल की असली राजा हूँ?” शेर कुछ देर चुप रहा, फिर गंभीरता से बोला, “तुम ठीक कहती हो। तुम्हारे सामने कोई नहीं ठहरता। मैं मान गया कि जंगल की राजा तुम ही हो।”
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इस प्रकार, लोमड़ी ने विपरीत परिस्थितियों में अपनी चतुराई और समझदारी से अपनी जान बचा ली। इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हालात चाहे कितने भी कठिन क्यों न हो, यदि हम धैर्य के साथ अपना दिमाग इस्तेमाल करें, तो हम परिस्थिति को अपने पक्ष में कर सकते हैं।
हमारा मस्तिष्क किसी कंप्यूटर की तरह निश्चित नियमों पर निर्भर नहीं होता, बल्कि उसके पास आउट ऑफ़ बॉक्स सोचने की अद्भुत क्षमता होती है।
हर समस्या का समाधान होता है, लेकिन उसे पाने के लिए धैर्य और विवेक की आवश्यकता होती है। जीवन में कई बार ऐसी स्थितियाँ आएंगी जो अनुकूल नहीं होंगी, लेकिन उन परिस्थितियों में भी अगर हम शांत रहें और सही तरीके से अपने दिमाग का प्रयोग करें, तो समाधान अवश्य मिल सकता है।
विपरीत परिस्थितियों में भी हमें हार नहीं माननी चाहिए। परिस्थिति चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हो, यदि हम अपने दिमाग का सही तरीके से उपयोग करें, तो हम उन हालातों को अपने पक्ष में कर सकते हैं।
इस कहानी की लोमड़ी ने शेर के सामने अपने आत्मविश्वास, धैर्य, और बुद्धिमानी का इस्तेमाल करके एक खतरनाक स्थिति से खुद को बचाया। इसने हमें यह भी सिखाया कि डर या भय से परे होकर समस्या का सामना करना चाहिए, और समाधान पाने के लिए हमें ‘आउट ऑफ बॉक्स’ सोचने की आवश्यकता होती है।
कहानी की मुख्य सीख यही है कि जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना विवेक और सूझबूझ से करना चाहिए। असल शक्ति बाहर नहीं, बल्कि हमारे अंदर की बुद्धिमानी और साहस में होती है।
कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद , मोटीवेशनल स्टोरी हिंदी में | शेर और लोमड़ी की कहानी के बारे में एक प्यारा सा कमेन्ट भी कर दीजिये ।