खिलता हुआ दिल9वीं कक्षा की प्रेम कहानी  Blooming Heart 9th Grade Love Story

Blooming Heart खिलता हुआ दिल9वीं कक्षा की प्रेम कहानी 

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Blooming Heart 9th Grade Love Story .खिलता हुआ दिल9वीं कक्षा की एक रोमांचक प्रेम कहानी है जिसमे एक लड़की चुलबुली आदत, नासमझी की दास्ताँ उभरता प्यार, हाँ कहने की शर्म , मिलाना बिछुड़ना आदि पहलुओं को समाये हुए है Romantic Love Story में क्या हुआ यह कहानी पढ़कर जाने।

जैसा की हमेशा होता है वार्षिक परीक्षा समाप्त हुई  स्कूल की छुट्टी हो गयी , गर्मी शुरू हो जाती है|  लंबी गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल का पहला दिन था। कैंपस में नई शुरुआत की खुशी, फिर से मिले दोस्तों की बातचीत और नई कक्षा की चिंता से चहल-पहल थी। 14 वर्षीय राजू  स्कूल के गेट पर खड़ा था, वह उत्साहित और चिंतित दोनों महसूस कर रहा था। वह 9वीं कक्षा में प्रवेश कर रहा था, और आने वाले साल का भार उसके कंधों पर था।

जैसे ही घंटी बजी, जो स्कूल के दिन की शुरुआत का संकेत थी, राजू  भीड़ भरे गलियारों से गुज़रा, उसे अपने चारों ओर नई ऊर्जा का एहसास हुआ। उसकी नज़रें जाने-पहचाने चेहरों पर पड़ीं, जिनमें से कुछ को उसने सालों से देखा था, जबकि कुछ नए थे। लेकिन उस दिन उनमें से किसी ने भी उसका ध्यान आकर्षित नहीं किया।

लेकिन माया नाम की एक लड़की कक्षा की खिड़की के पास खड़ी थी, उसका चेहरा कांच से आती धूप में दिखाई दे रहा था। राजू  खुद को घूरने से रोक नहीं पाया। उसके बारे में कुछ ऐसा था जो उसे अपनी ओर आकर्षित करता था। शायद यह उसके काले बालों का उसके कंधों पर लहराना या फिर जिस तरह से वह खुद को शांत शान से पेश करती थी। वह सबसे ज़्यादा शोर करने वाली या सबसे लोकप्रिय लड़की नहीं थी, लेकिन उसके अंदर एक निर्विवाद आकर्षण था – कुछ सूक्ष्म, कुछ ऐसा जो उसे अनदेखा करना असंभव बनाता था।

रास्ते का प्यार

जब भी वह उसकी ओर देखती थी, उसका दिल थोड़ा तेज़ धड़कता था, मानो उनके बीच कोई रहस्य हो जो केवल वे दोनों ही जानते हों।

Blooming Heart 9th Grade Love Story पहली चिंगारी

Blooming Heart 9th Grade Love Story

अगले कुछ हफ़्तों में, राजू ने पाया कि वह माया के बारे में जितना सोचना चाहिए था, उससे ज़्यादा बार सोच रहा था। पहले तो वे ज़्यादा बात नहीं करते थे, लेकिन वह उसे कक्षा में देखता या गलियारे में उसके पास से गुज़रते समय उसकी मुस्कान देखता। यह उसके सीने में गर्मजोशी की लहर भेजने के लिए पर्याप्त था।

एक दिन, दोपहर के भोजन के दौरान, राजू  ने खुद को वाटर कूलर के पास अकेला बैठा पाया। उसे ज़्यादा भूख नहीं लगी थी, लेकिन उस पल की शांति ने उसे अपने विचारों को इकट्ठा करने का मौका दिया। तभी उसने माया को देखा, जो एक बड़े बरगद के पेड़ के नीचे अकेली बैठी थी और अपनी नोटबुक में रेखाचित्र बना रही थी।

Love Story School ka Pyar

उसकी छवि में कुछ ऐसा था – अकेली, अपने विचारों में खोई हुई – जिसने राजू  का ध्यान खींचा। जब वह उसकी ओर बढ़ा तो उसका दिल तेज़ी से धड़कने लगा, उसे नहीं पता था कि वह क्या कहेगा।

“अरे,” उसने धीरे से पुकारा, थोड़ा नर्वस महसूस करते हुए। “तुम क्या बना रही हो?”

माया ने अपनी स्केचबुक से नज़र उठाई, और एक पल के लिए, उनकी आँखें मिलीं। राजू  को लगा कि उसके अंदर बिजली का झटका दौड़ गया है। वह मुस्कुराई, एक नरम, शांत मुस्कान जिसने उसके दिल की धड़कन बढ़ा दी।

“बस एक कला प्रतियोगिता के लिए कुछ डिज़ाइन,” उसने जवाब दिया, उसकी आवाज़ उसकी मुस्कान जितनी ही कोमल थी।

राजू  बिना सोचे उसके पास बैठ गया, उसके करीब होने की एक अवर्णनीय इच्छा महसूस कर रहा था। “यह अद्भुत लग रहा है,” उसने कहा, उसकी आवाज़ में ईमानदारी थी। “तुम वाकई प्रतिभाशाली हो।”

उसके गाल थोड़े लाल हो गए, और उसने अपनी स्केचबुक की ओर देखा। “धन्यवाद,” उसने धीरे से कहा, उसकी उंगलियाँ कागज़ पर रेखाएँ खींच रही थीं।

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उनके बीच थोड़ी देर की खामोशी थी, लेकिन यह असहज नहीं था। यह महसूस हुआ… सही। राजू  और भी कुछ कहना चाहता था, उससे उसके दिन के बारे में पूछना चाहता था, उसके बारे में और जानना चाहता था। लेकिन इसके बजाय, वह बस वहीं बैठा रहा, उनके बीच की शांत संगति का आनंद लेता रहा।

Blooming Heart बढ़ता हुआ संबंध

जैसे-जैसे दिन बीतते गए, राजू  और माया ने एक-दूसरे के साथ ज़्यादा से ज़्यादा समय बिताया। वे दोपहर के भोजन के दौरान एक साथ बैठते थे, और राजू  खुद को उसकी कही हर बात पर ध्यान देते हुए पाता था। माया की हंसी, शांत लेकिन संक्रामक, उसके बोलने के काफी समय बाद तक उसके कानों में गूंजती रही। उसके बारे में कुछ बहुत ताज़ा था; वह सच्ची, दयालु और सहज रूप से सुंदर थी।

राजू  ने खुद को कक्षा में उसके बारे में सपने देखते हुए पाया, उसकी मुस्कान के विचारों में खोया हुआ, जिस तरह से वह सोचते समय अपना सिर झुकाती थी, और जब वह अपनी पसंदीदा चीज़ों के बारे में बात करती थी तो उसकी आँखें कैसे चमक उठती थीं। वह खुद को उसके प्यार में पड़ने से नहीं रोक सका, धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से, जिस तरह से उसने कभी उम्मीद नहीं की थी।

एक दोपहर, जब वे साथ-साथ कक्षा में वापस जा रहे थे, राजू  का दिल उसकी छाती में धड़क रहा था। माया स्कूल की वार्षिक कला प्रदर्शनी के लिए अपनी योजनाओं के बारे में बात कर रही थी, लेकिन राजू  मुश्किल से उसके शब्दों पर ध्यान केंद्रित कर पा रहा था। वह इस बात में बहुत व्यस्त था कि वह उसके साथ कैसे चल रही थी, इतनी करीब, फिर भी इतनी दूर। उसके विचार उसकी उपस्थिति के एहसास में उलझे हुए थे, जैसे किसी ठंडे दिन में गर्म साँस।

“माया,” उसने कहा, उसकी आवाज़ अनिश्चित लेकिन गंभीर थी। “क्या मैं तुम्हें कुछ बता सकता हूँ?”

उसने उसकी ओर देखा, उसकी अभिव्यक्ति नरम और धैर्यपूर्ण थी। “ज़रूर, क्या है?”

राजू  हिचकिचाया, उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा था। यही वह क्षण था जब उसे यह कहना था। “मुझे लगता है कि मैं तुम्हें कुछ समय से पसंद करता हूँ,” उसने कबूल किया, उसकी आवाज़ फुसफुसाहट से थोड़ी ही ऊपर थी।

माया ने चलना बंद कर दिया और उसका सामना करने के लिए मुड़ी। एक लंबे समय के लिए, वह बस उसे देखती रही, उसकी नज़र स्थिर लेकिन अस्पष्ट थी। राजू  का दिल डूब गया, उसके शब्दों का भार उस पर दबाव डाल रहा था। क्या होगा अगर उसे वैसा ही महसूस न हो? क्या होगा अगर इससे सब कुछ बर्बाद हो जाए?

लेकिन फिर, माया मुस्कुराई – धीरे से, लगभग जैसे कि वह उसके कहने का इंतज़ार कर रही थी। “मुझे भी तुम पसंद हो, राजू ,” उसने कहा, उसकी आवाज़ मुश्किल से सुनाई दे रही थी लेकिन ईमानदारी से भरी हुई थी। “मुझे लगता है कि मैं भी कुछ समय से तुम्हें पसंद करती हूँ।”

राजू का दिल खुशी से उछल पड़ा। जैसे ही उसने उसे देखा, उसके आस-पास की दुनिया गायब हो गई आँखों में, वह सब कुछ देख रहा था जो वह कभी चाहता था। वह मुस्कुराया, एक ऐसी मुस्कान जिसे रोका नहीं जा सका, और बिना सोचे-समझे, उसने हाथ बढ़ाया, उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया।

स्पर्श सरल, कोमल था, लेकिन यह दुनिया की सबसे स्वाभाविक चीज़ की तरह लगा। माया की उंगलियाँ उसके चारों ओर लिपट गईं, और पहली बार, राजू  को लगा कि सब कुछ ठीक वैसा ही है जैसा होना चाहिए।

Blooming Heart के सबसे मधुर क्षण

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उस दिन के बाद से, राजू  और माया का रिश्ता एक नाजुक फूल की तरह खिल उठा। वे अविभाज्य थे, हमेशा गलियारों में नज़रें चुराते, स्कूल के बाद शांत बातचीत करते, और कक्षा के दौरान छोटे-छोटे नोट्स का आदान-प्रदान करते। उसके साथ हर पल एक खूबसूरत प्रेम कहानी के नए अध्याय की तरह लगता था—मासूम, शुद्ध और उम्मीद से भरा हुआ।

एक शाम, जब वे स्कूल की छत पर बैठे थे, सूर्यास्त को आसमान को गुलाबी और नारंगी रंगों में रंगते हुए देख रहे थे, राजू  माया की ओर मुड़ा, उसका दिल भावनाओं से भरा था जिसे वह ठीक से नाम नहीं दे सकता था।

“माया,” उसने धीरे से कहा, “क्या तुम भाग्य में विश्वास करती हो?”

माया ने उसकी ओर देखा, उसकी निगाहें विचारमग्न थीं। “मुझे नहीं पता,” उसने कहा। “लेकिन मुझे लगता है कि हमारा मिलना तय था। क्या तुम्हें ऐसा नहीं लगता?”

राजू  मुस्कुराया, उसके शब्दों की गर्माहट उसके दिल को एक सुरक्षात्मक कंबल की तरह लपेट रही थी। “मुझे भी ऐसा लगता है,” उसने कहा। “मुझे लगता है कि तुमसे मिलना मेरे लिए अब तक की सबसे अच्छी बात थी।”

और उस पल, जब सूरज क्षितिज के नीचे डूब रहा था, राजू  जानता था कि आगे जो भी हो—चाहे वह स्कूल वर्ष का अंत हो या उनके साथ भविष्य की शुरुआत हो—वह हमेशा इस समय, इस प्यार और माया के साथ इस संबंध को संजो कर रखेगा।

Blooming Heart के लिए भविष्य एक वादा

दिन जल्दी से बीत गए, साझा मुस्कुराहट, गुप्त बातचीत और उस तरह के प्यार से भरे हुए जिसे केवल युवा दिल ही समझ सकते हैं। राजू  और माया करीब आ गए, हर गुजरते पल के साथ उनका बंधन गहरा होता गया। और हालांकि उनके आसपास की दुनिया बदलती रही, एक चीज स्थिर रही: एक-दूसरे के लिए उनका प्यार।

जैसे-जैसे स्कूल का साल खत्म होने को आया, राजू  ने खुद को उसी जगह पर पाया, जहाँ उसने पहली बार माया को देखा था, उनकी पहली बातचीत की याद अभी भी उसके दिमाग में ताज़ा थी।

माया उसके बगल में खड़ी थी, उसका हाथ उसके हाथ में था। उनके ऊपर का आसमान गोधूलि के रंगों में रंगा हुआ था, और हवा वादे की खुशबू से भरी हुई थी।

“माया,” राजू  ने फुसफुसाते हुए कहा, उसका दिल भर आया, “मुझे नहीं पता कि भविष्य में क्या होगा, लेकिन मुझे एक बात पता है – मैं इसे तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूँ।”

माया मुस्कुराई, उसकी आँखों में वही गर्मजोशी और स्नेह था जिसने उसे पहली बार अपनी ओर खींचा था। “और मैं भी यही चाहती हूँ, राजू ।”

वे वहाँ एक साथ खड़े थे, हाथ में हाथ डाले, भविष्य में जो कुछ भी आएगा उसका सामना करने के लिए तैयार – एक साथ।

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