महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, मराठा आरक्षण मोर्चा की शर्त मानी।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!Maharashtra government accepted the condition महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल की मुख्य मांग मान ली है। सरकार करीबी रिश्तेदार के कुनबी सर्टिफिकेट में नाम जोड़ने के संबंध में आज ही अध्यादेश जारी करेगी।
Maharashtra government accepted the condition of Maratha Reservation Morcha
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर पिछले कई वर्षों से आंदोलन चल रहा है। इस आंदोलन का नेतृत्व मनोज जरांगे पाटिल कर रहे हैं। जरांगे पाटिल की मांग थी कि जिनके पास कुनबी प्रमाण पत्र है उनके जीवनसाथियों को भी कुनबी प्रमाण पत्र दिया जाए। इस मांग को लेकर जरांगे पाटिल ने दो बार आमरण अनशन भी किया ।
पिछले कई दिनों से मराठा आरक्षण मोर्चा के सूत्रधार मनोज जरांगे पाटिल द्वारा मराठा आरक्षण के लिए रैली की जा रही थी , सरकार दबाव में थी , इसी मनोज पाटिल ने पुनः भूख हड़ताल पर जाने का अल्टीमेटम दे दिया था जो आज दिनांक 26जनवरी से भूख हड़ताल शुरू होनी थी।इसके पहले भी मनोज पाटिल भूख हड़ताल पर जा चुके थे और उनकी तबियत भी उस भूख हड़ताल में बिगड़ गई थी। मनोज पाटिल एक जुझारू नेता है वह अपनी जान की परवाह नहीं करते है। सरकार ने कुछ विचार किया और मराठा आरक्षण मोर्चा की मुख्य शर्त (Maharashtra government accepted the condition)मान ली ।
सरकार ने इस मांग पर विचार किया और अंततः इसे मान लिया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार जल्द ही इस संबंध में अध्यादेश जारी करेगी।
इस फैसले के बाद मराठा समुदाय में खुशी की लहर है। जरांगे पाटिल ने कहा कि यह उनके लिए एक बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि वे सरकार के इस फैसले के लिए आभारी हैं।
Maharashtra government accepted the condition विश्लेषण:
महाराष्ट्र सरकार का यह फैसला मराठा समुदाय के लिए एक बड़ी राहत है। इससे इस समुदाय के लोगों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण का लाभ मिलेगा।
यह फैसला महाराष्ट्र की राजनीति में भी महत्वपूर्ण है। इससे शिवसेना-भाजपा सरकार को मराठा समुदाय का समर्थन मिलने की उम्मीद है।