Property Registry : यूपी सरकार का बड़ा फैसला, अब प्रोपर्टी खरीदने-बेचने के नाम पर नहीं कर सकेंगे फर्जीवाडा।
Property Registry सरकार ने जमीन खरीदने बेचने के लिए नया नियम जारी कर दिया है इस नियम के तहत अब फर्जीवाडा करने की गुंजाईश लगभग समाप्त हो गयी है । सभी के पास कोई न कोई संपत्ति होती है, जिसमें भूमि, भवन, अपार्टमेंट ,आवासीय, वाणिज्यिक, कृषि और औद्योगिक शामिल है।
Property Registry : प्रोपर्टी खरीदने के लिए या अपने नाम कराने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने अहम् फैसला लिया है । प्रॉपर्टी खरीदने या प्रोपर्टी नाम कराने में कितने रुपये लगेंगे यह जजाने के पूरा लेख पढ़े और जाने संपत्ति की रजिस्ट्री को लेकर यूपी सरकार का क्या है power of Attorney नया नियम।
पावर ऑफ अटॉर्नी (पीओए) क्या है?
पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) एक कानूनी प्राधिकरण है जो एजेंट या अटॉर्नी-इन-फैक्ट को प्रिंसिपल कहे जाने वाले व्यक्ति की ओर से कार्य करने का अधिकार देता है। एजेंट को प्रिंसिपल की संपत्ति, वित्त, निवेश या चिकित्सा देखभाल के बारे में निर्णय लेने के लिए व्यापक या सीमित अधिकार दिए जा सकते हैं।
इन्हें खरीदने या बेचने की आवश्यकता होती है ।
Property Registry के अंतर्गत उत्तर प्रदेश विधानसभा ने शुक्रवार को भारतीय स्टांप (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक-2024 पारित कर दिया, जिसमें प्रावधान है कि रक्त रिश्तेदारों के बीच संपत्ति का हस्तांतरण 5,000 रुपये का स्टांप शुल्क देकर किया जा सकता है।
विधेयक का संचालन करने वाले वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि जमीन की खरीद-फरोख्त ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ (Power of Attorney) बनाकर की गई, जिससे Stamp and Registration Department को राजस्व का नुकसान हुआ।
उदाहरण के लिए, करोड़ों रुपये की जमीन को ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ Power of Attorney) बनाकर मामूली शुल्क पर बेचने का कारोबार जोरों पर चल रहा था, लेकिन नए प्रावधान के अनुसार रक्त संबंध से बाहर के लोगों को Property Sale करने पर सर्किल रेट का स्टाम्प शुल्क का भुगतान करना होगा , जो वर्तमान में सात प्रतिशत है । उन्होंने कहा, पावर ऑफ अटॉर्नी पर सर्कल रेट का स्टाम्प लगेगा ।

बहुत ही उपयोगी Investment Real Estate or Gold
Property Registry नए नियम में शर्त यह है केवल जमीनों के रख-रखाव के लिए ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ पर लागू नहीं होगी। न कि जमीन बेचने के लिए । नए नियम में यह भी प्रावधान किया गया है कि रक्त संबंधियों के मामले में केवल 5,000 रुपये की स्टांप ड्यूटी देकर संपत्ति को हस्तांतरित करने की सुविधा रहेगी।
अधिकांश पावर ऑफ अटॉर्नी दस्तावेज़ एजेंट को सभी संपत्ति और वित्तीय मामलों में प्रिंसिपल का प्रतिनिधित्व करने के लिए अधिकृत करते हैं, बशर्ते प्रिंसिपल की मानसिक स्थिति अच्छी हो। यदि प्रिंसिपल निर्णय लेने में असमर्थ हो जाता है, तो समझौता स्वतः ही समाप्त हो जाता है। टिकाऊ पावर ऑफ अटॉर्नी एक विशेष प्रकार का पावर ऑफ अटॉर्नी है जो प्रिंसिपल के अक्षम हो जाने के बाद भी जारी रहता है।
पावर ऑफ अटॉर्नी कई कारणों से समाप्त हो सकती है, जैसे कि जब प्रिंसिपल समझौते को रद्द कर देता है या उसकी मृत्यु हो जाती है, जब अदालत उसे अमान्य घोषित कर देती है, या जब एजेंट समझौते में उल्लिखित ज़िम्मेदारियों को पूरा नहीं कर पाता। विवाहित जोड़े के मामले में, यदि प्रिंसिपल और एजेंट का तलाक हो जाता है, तो पावर ऑफ अटॉर्नी अमान्य हो सकती है।
महत्वपूर्ण
यदि कोई व्यक्ति चाहता है कि उसकी पावर ऑफ अटॉर्नी उसके स्वास्थ्य के बिगड़ने के बाद भी प्रभावी रहे, तो उसे एक टिकाऊ पावर ऑफ अटॉर्नी (DPOA) पर हस्ताक्षर करना चाहिए। यह तब भी प्रभावी रहता है जब वह जिस व्यक्ति का प्रतिनिधित्व कर रहा है वह मानसिक या शारीरिक रूप से अक्षम हो जाता है, लेकिन यह प्रिंसिपल की मृत्यु के बाद भी जारी नहीं रहता। यदि पावर ऑफ अटॉर्नी को टिकाऊ नहीं माना जाता है और मुवक्किल मानसिक रूप से अक्षम हो जाता है, तो भी यह अधिकार रद्द हो जाता है।