A fiery love story एक ताकतवर बिजनेसवुमन की जुनून की कड़वी कीमत

S M

A fiery love story एक ऐसी प्रेम गाथा है जो मासूमियत की चमक से दूर, जुनून की आग, चालाकी की चालों और वर्जित रिश्तों के काले साए में डूबी हुई है। उर्वी, एक powerful businesswoman, और महेश, उसका शादीशुदा कर्मचारी, एक ऐसे प्यार में फंसते हैं जो सब कुछ तबाह कर देता है। पैसे, परिवार और अदालत की जंग में उलझी यह स्टोरी बताती है कि कभी-कभी प्यार की कीमत इतनी महंगी पड़ती है कि पूरी जिंदगी बर्बाद हो जाती है। अगर आप डार्क रोमांस, धोखे और पछतावे की कहानियां पसंद करते हैं, तो यह आपको रात भर जगा रखेगी!

जुनून की आग में जलती प्रेम कहानी. A fiery love story.

उर्वी की जिंदगी हमेशा से ही चमक-दमक वाली थी। दिल्ली की एक बड़ी आईटी कंपनी की मालकिन, उम्र 38 साल, लेकिन लगती थी जैसे कोई बॉलीवुड हीरोइन – तेज चेहरा, पैनी आंखें, और वो महंगे सूट जो उसके रुतबे को चीख-चीखकर बताते थे। बिजनेस वर्ल्ड में वो शेरनी थी, मीटिंग्स में लोग उससे डरते थे। महंगे सूट, हाई हील्स और वो कॉन्फिडेंस जो कहता था – मैं दुनिया जीत सकती हूं।

लेकिन बाहर की चमक के नीचे एक दिल था जो प्यार की तलाश में तड़प रहा था। कोई ऐसा जो उसे पूरी तरह घेर ले, वो जुनून वाला प्यार जो सब कुछ भुला दे।

उर्वी की जिंदगी में प्यार की कमी थी – बचपन में पापा गुजर गए, मां ने दूसरी शादी कर ली, और वो अकेली रह गई। पढ़ाई की, एमबीए किया, कंपनी खड़ी की, लेकिन दिल खाली था। घर पर कोई नहीं, बस काम और पैसा। वो चाहती थी कोई ऐसा जो उसे पूरी तरह अपना बना ले, वो प्यार जो जुनून बन जाए।

क्या अक्षत को पूजा का प्यार मिलेगा

कंपनी में महेश था, 32 साल का, हैंडसम लड़का। काला चश्मा, मुस्कान ऐसी कि लड़कियां घायल हो जाएं। वो सेल्स डिपार्टमेंट में था, बातें करने का तरीका कमाल का। घर पर बीवी थी, साधारण सी, नाम रीना। शादी को 5 साल हो गए थे, बच्चा नहीं था, लेकिन जिंदगी चल रही थी। महेश को लगता था उसकी लाइफ में वो स्पार्क नहीं है, वो एक्साइटमेंट जो जवानी में था। ऑफिस में उर्वी की नजरें उस पर टिकने लगीं। पहले तो वो नजरअंदाज करता रहा, लेकिन उर्वी का अट्रैक्शन इतना स्ट्रॉन्ग था कि वो खुद को रोक नहीं पाया।

एक दिन लेट नाइट मीटिंग में सब चले गए, बस वो दोनों बचे। उर्वी ने कॉफी का बहाना बनाया, और बातों-बातों में हाथ छुआ। महेश का दिल धड़का, लेकिन वो रुका नहीं। वो पहला किस, ऑफिस की डिम लाइट में, जैसे आग लग गई। उसके बाद चोरी-छिपे मिलना शुरू। लंच ब्रेक में पार्किंग में, वीकेंड पर होटल में। उर्वी कहती, “महेश, तुम्हारे बिना जीना मुश्किल है।” महेश भी बहक गया, “तुम जैसी कोई नहीं, उर्वी। रीना तो बस रूटीन है।”

उर्वी ने हाथ बढ़ाया, उसके कंधे पर रखा, “मुझे लगता है तुम इससे ज्यादा डिजर्व करते हो।” उर्वी का स्पर्श चुम्बकीय था उसमे करंट दौड़ गया। महेश खुद को रोक नहीं पाया, उर्वी को खींचा और किस कर लिया। वो पहला किस, ऑफिस की डिम लाइट में, जैसे आग लग गई। दिल धड़क रहा था, लेकिन रोकने का नाम नहीं।

उम्र का तकाजा और दोस्तों का साथ

उर्वी ने महेश को कोने में खींचा, “आज रात मेरे साथ आओ।” महेश ने हां कहा, घर पर झूठ बोला ओवरटाइम है। उस रात महेश उर्वी के लग्जरी अपार्टमेंट में था  जैसे स्वर्ग में हो। लेकिन सुबह अपराधबोध। महेश बोला, “ये गलत है उर्वी। मेरी शादी…” उर्वी ने मुंह बंद किया, “गलत क्या? ये प्यार है, जुनून है। रीना तुम्हें समझती कहां है?”

उर्वी को ये छुपा-छिपा वाला खेल पसंद नहीं। वो चाहती थी महेश पूरा उसका हो। एक शाम होटल रूम में, लेटे हुए, उर्वी ने कहा, “महेश, ये सब कब तक? रीना को छोड़ दो। हम साथ रहेंगे, दुनिया घूमेंगे, एक्साइटमेंट वाली लाइफ जिएंगे।” महेश हिचकिचाया, “कैसे? परिवार है, रीना पर सब निर्भर हैं। पापा बीमार हैं, गांव में है।”

उर्वी मुस्कुराई, “मैं हूं ना। सब संभाल लूंगी।” यहां से उर्वी की चालाकी शुरू। वो जानती थी महेश कमजोर है, परिवार से प्यार करता है। रोज उसके दिमाग में जहर घोलती। गिफ्ट्स देती – महंगी घड़ी, कपड़े, परफ्यूम। “देखो महेश, मैं तुम्हें क्या-क्या दे सकती हूं। रीना क्या दे रही? बस घर की जिम्मेदारियां?”

महेश घर जाकर रीना से झगड़ने लगा। छोटी बातों पर चिल्लाता। रीना रोती, “क्या हो गया तुम्हें?” लेकिन महेश का दिल अब उर्वी के पास था। एक वीकेंड उर्वी ने प्लान बनाया – गोवा ट्रिप, वह भी प्राइवेट जेट से। वहां बीच पर, सूरज डूबते हुए, उर्वी बोली, “देखो, ये हमारी लाइफ हो सकती है।

रीना के साथ क्या? बस टीवी और खाना?” महेश टूटा, “तुम सही हो। लेकिन परिवार?” उर्वी ने कार्ड खेला, “मैं 20 लाख दूंगी। रीना को दे देना, वो सेटल हो जाएगी। पापा का इलाज हो जाएगा, सब खुश।” महेश चौंका, “20 लाख? इतना?” उर्वी हंसी, “पैसा क्या है मेरे लिए? हमारी खुशी के आगे कुछ नहीं।”

प्रेम विवाह में दादा की अड़चन

महेश सोच में पड़ गया। रात भर नींद नहीं। सुबह रीना से कहा, “रीना तलाक चाहता हूं तुमसे।” रीना टूट गई, “क्यों? कोई और है क्या तुन्हारी जिंदगी में ?” महेश ने हां कहा। रीना ने थप्पड़ मारा, “कौन है वो?” महेश चुप।

महेश ने कहा रीना तुम्हे 20 लाख मिलेंगे तलाक देने के। मजे से रहोगी पैसों की कमी नहीं होगी तुम्हारे पास। रीना चुप चाप कमरे में चली गयी और महेश office । महेश ने ऑफिस में उर्वी को बताया तलाक की बात और यह बताया कि तलाक के नाम से एक थप्पड़ मिला है। उर्वी ने कहा थप्पड़ भूल जाओ उसे तलाक के लिए मनाओ।

Bhabhi aur devar ki prem kahani | प्रेम और सविता की प्रेम कहानी का अंत क्या ?

शाम को महेश घर लौटा पत्नी से पूछा क्या सोचा तलाक के बारे में। रीना ने कहा मै तलाक दे दूंगी तुम खुश रहो और तुम पैसे भी दे रहे हो। कोर्ट में तलाक हुआ। उर्वी ने 20 लाख का चेक दिया। रीना ने रोते हुए चेक लिया और मुड़कर चली आई बाद में रीना का परिवार गांव चला गया।

महेश उर्वी के साथ शिफ्ट हो गया। नया फ्लैट, लग्जरी लाइफ। पहले महीने हनीमून गोवा ट्रिप। गोवा से लौटकर, यूरोप ट्रिप। पेरिस में एफिल टावर के नीचे किस। उर्वी कहती, “देखा, मैंने कहा था, अब हम फ्री हैं कही भी जा सकते है।” महेश हंसता, “हां, तुम्हारे बिना कुछ नहीं।” रातें पैशन से भरी, दिन एडवेंचर से युक्त, लेकिन धीरे-धीरे जीवन में क्रैक्स शुरू। महेश को रीना की याद आती, सपनों में देखता कि वो रो रही है। परिवार फोन करता, “बेटा, ये तूने क्या किया?” धीरे धीरे महेश चिड़चिड़ा हो गया।

एक रात डिनर पर झगड़ा। महेश बोला, “उर्वी, अपराधबोध खा रहा है। रीना का चेहरा भूल नहीं पा रहा।” उर्वी गुस्से से, “क्या? अब पछता रहे हो? मैंने कंपनी रिस्क की, सब त्यागा!” झगड़े बढ़े। उर्वी का कॉन्फिडेंस डगमगा। वो सोचती, “ये प्यार था या वासना?” महेश बोला, “शायद अलग हो जाएं।” उर्वी रो पड़ी, “नहीं!” लेकिन महेश चला गया।

उर्वी अकेली। गुस्सा इतना कि कोर्ट गई। केस किया रीना और परिवार के खिलाफ, “20 लाख वापस दो। उर्वी ने कहा वो गिफ्ट था और अब सब खत्म हो गया ।” रीना हैरान हो गयी , बोली “तुमने मेरा घर तोड़ा, अब पैसा माग रही हो ?” कोर्ट में बहस हुई उर्वी की गवाही दी कि पैसा महेश की खुशी के लिए था। अब महेश अलग हो गया पैसा वापस चाहिए।

रीना ने प्रूफ दिए, महेश की चिट्ठियां दी। मीडिया केस में इन्वाल्व हो गया । टीवी पर छा गया , “बिजनेसवुमन का स्कैंडल!” उर्वी की तस्वीरें हर जगह दिखने लगी। कंपनी शेयर्स गिरे। क्लाइंट्स दूरचले गये। उर्वी डिप्रेशन में हो गयी। महेश से मिली, कहा “क्यों महेश ये सब क्या?” महेश बोला, “हम गलत थे।”

कोर्ट ने फैसला दिया  पैसा नहीं मिलेगा। उर्वी अपील की, हार गई। कंपनी बेची, अकेली। रातों को सोचती, “जुनून ने सब जला दिया।” महेश पछताता, रीना नई जिंदगी में। कहानी बताती – वर्जित प्यार की आग में मत कूदो, जल जाओगे।

Her Profession is story writing and reviewing of electronic porduct.

Leave a Comment