संपत्ति खरीदना हुआ कठिन।भूमि रजिस्ट्रेशन में Blockchain land registration तकनीक होगी लागू।

Hemraj Maurya

सुप्रीम कोर्ट ने भूमि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में ब्लॉकचेन तकनीक को अपनाने का महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। जानिए यह कैसे संपत्ति धोखाधड़ी को खत्म करेगा और भारत में एक पारदर्शी, निर्णायक स्वामित्व प्रणाली को जन्म देगा। Blockchain land registration के फायदे, चुनौतियां और कानूनी सुधारों पर गहन विश्लेषण।

भारत में संपत्ति खरीदना हमेशा से ही एक जटिल, समय लेने वाली और जोखिम भरी प्रक्रिया रही है। भूमि रिकॉर्ड में अस्पष्टता, धोखाधड़ी के मामले और अदालतों में लंबित अनगिनत संपत्ति विवाद इस बात के प्रमाण हैं कि हमारी वर्तमान भूमि रजिस्ट्रेशन प्रणाली कितनी कमज़ोर है। इस विकट समस्या को गंभीरता से लेते हुए, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक दूरगामी फैसला सुनाया है, जिसने देश की संपत्ति प्रणाली में एक बड़े तकनीकी सुधार की उम्मीद जगाई है। कोर्ट ने सुझाव दिया है कि भूमि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल, सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए Blockchain land registration तकनीक को अपनाया जाए।

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ब्लॉकचेन (Blockchain) क्या है?

ब्लॉकचेन (Blockchain) एक प्रकार का डिजिटल बहीखाता (Digital Ledger) है जो लेन-देन या डेटा को रिकॉर्ड करता है। इसकी सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह बहीखाता किसी एक जगह या व्यक्ति के नियंत्रण में नहीं होता, बल्कि विकेन्द्रीकृत (Decentralized) तरीके से हजारों कम्प्यूटरों के नेटवर्क पर वितरित होता है।

इसे समझने के लिए, इसके नाम के दो हिस्सों को देखिए:

 * ब्लॉक (Block): यह डेटा का एक संग्रह होता है। उदाहरण के लिए, यह कई वित्तीय लेन-देन, संपत्ति के स्वामित्व का विवरण, या कोई अन्य डिजिटल जानकारी हो सकती है।

 * चेन (Chain): जब एक ‘ब्लॉक’ पूरी तरह से भर जाता है और सत्यापित हो जाता है, तो इसे एक जटिल क्रिप्टोग्राफ़िक कोड (जिसे ‘हैश’ कहते हैं) का उपयोग करके पिछले ब्लॉक से जोड़ दिया जाता है, जिससे एक ‘चेन’ या श्रृंखला बन जाती है।

Blockchain land registration का सुझाव क्यों ?

शीर्ष अदालत ने ‘समीउल्लाह बनाम बिहार राज्य’ मामले में बिहार भूमि म्यूटेशन नियमों को रद्द करते हुए, भारत की सदियों पुरानी ‘अनुमानित स्वामित्व’ (Presumptive Title) प्रणाली की आलोचना की। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि हमें ‘नए विकल्पों की कल्पना करने का साहस’ करना होगा और एक ‘तकनीकी रूप से मजबूत और पारदर्शी’ संपत्ति पंजीकरण व्यवस्था की ओर बढ़ना होगा।

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इस संदर्भ में, Blockchain land registration को एक संभावित और शक्तिशाली समाधान के रूप में देखा गया है। कोर्ट ने इस मामले का अध्ययन करने और निर्णायक स्वामित्व (Conclusive Title) की ओर बढ़ने के लिए एक रोडमैप तैयार करने के लिए भारतीय विधि आयोग (Law Commission of India) को निर्देशित किया है। यह कदम संपत्ति लेन-देन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

वर्तमान भूमि रजिस्ट्रेशन प्रणाली की प्रमुख चुनौतियां

हमारी मौजूदा भूमि पंजीकरण प्रणाली कई दोषों से ग्रस्त है, जिसके कारण आम आदमी के लिए संपत्ति खरीदना एक डरावना अनुभव बन जाता है:

  • धोखाधड़ी और जालसाजी: जाली दस्तावेज़ों, फर्जी बिक्री विलेखों (Sale Deeds) और एक ही संपत्ति को कई बार बेचने की घटनाएं आम हैं।
  •  अस्पष्ट स्वामित्व: भारत में संपत्ति का टाइटल ‘अनुमानित’ होता है, ‘निर्णायक’ नहीं। इसका मतलब है कि पंजीकरण के बाद भी, स्वामित्व को अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
  •  भ्रष्टाचार और अक्षमता: पंजीकरण कार्यालयों में जटिल प्रक्रियाओं और मानवीय हस्तक्षेप के कारण भ्रष्टाचार की गुंजाइश बनी रहती है।
  •  रिकॉर्ड का खराब रखरखाव: पुराने और मैनुअल रिकॉर्ड का रखरखाव अक्सर खराब होता है, जिससे रिकॉर्ड का पता लगाना और सत्यापित करना मुश्किल हो जाता है।
  •  लंबी कानूनी प्रक्रियाएं: संपत्ति विवादों के कारण अदालतों में मुकदमों का ढेर लगा हुआ है, जिनका निपटारा होने में दशकों लग जाते हैं।

Blockchain land registration: कैसे काम करता है?

ब्लॉकचेन एक विकेन्द्रीकृत, डिजिटल बहीखाता (Decentralized Digital Ledger) है जो लेन-देन को रिकॉर्ड करता है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि इसमें एक बार दर्ज किए गए डेटा को बदला या हटाया नहीं जा सकता। संपत्ति रजिस्ट्रेशन के क्षेत्र में, यह तकनीक निम्नलिखित तरीके से काम कर सकती है-

* यह अपरिवर्तनीय रिकॉर्ड (Immutable Records) होता है। प्रत्येक संपत्ति का रजिस्ट्रेशन और स्वामित्व हस्तांतरण एक ‘ब्लॉक’ के रूप में दर्ज किया जाएगा। यह ब्लॉक एक बार बनने के बाद, नेटवर्क पर मौजूद सभी कम्प्यूटरों में वितरित हो जाता है।

 * प्रत्येक ब्लॉक क्रिप्टोग्राफ़िक रूप से पिछले ब्लॉक से जुड़ा होता है, जिससे एक ‘चेन’ बनती है। किसी भी रिकॉर्ड में बदलाव करने की कोशिश करने के लिए चेन में सभी बाद के ब्लॉकों को बदलना होगा, जो कि असंभव है। इससे रिकॉर्ड की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।

 * रिकॉर्ड किसी एक केंद्रीय प्राधिकरण (जैसे कि रजिस्ट्रार कार्यालय) के पास नहीं होते, बल्कि हजारों कम्प्यूटरों में वितरित होते हैं। यदि कोई एक रिकॉर्ड ख़राब भी हो जाता है, तो भी सिस्टम काम करता रहेगा।

 * ब्लॉकचेन पर ‘स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स’ का उपयोग किया जा सकता है। ये सेल्फ-एग्जीक्यूटिंग कॉन्ट्रैक्ट्स होते हैं जो खरीदार द्वारा भुगतान प्राप्त होने पर स्वचालित रूप से संपत्ति का टाइटल ट्रांसफर कर सकते हैं, जिससे मानवीय हस्तक्षेप और विलंब समाप्त हो जाता है।

Blockchain land registration के प्रमुख लाभ

Blockchain land registration प्रणाली को अपनाने से भारत को अभूतपूर्व लाभ मिल सकते हैं:

लाभ का क्षेत्रवर्तमान प्रणाली में समस्याBlockchain land registration का समाधान
 धोखाधड़ी निवारणजाली दस्तावेज़, एक ही संपत्ति पर कई दावे।अपरिवर्तनीय रिकॉर्ड, धोखाधड़ी की संभावना शून्य।
पारदर्शितारिकॉर्ड खोजने और सत्यापित करने में कठिनाई, अपारदर्शिता।सभी प्रासंगिक रिकॉर्ड सार्वजनिक रूप से (या अनुमत उपयोगकर्ताओं के लिए) उपलब्ध।
दक्षता और गतिपंजीकरण और म्यूटेशन में महीनों का समय लगना।स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के माध्यम से तत्काल और स्वचालित हस्तांतरण।
स्वामित्व की प्रकृतिअनुमानित स्वामित्व (चुनौती दी जा सकती है)।निर्णायक स्वामित्व (Conclusive Title), कानूनी विवादों में कमी।
भ्रष्टाचार में कमीमानवीय हस्तक्षेप के कारण भ्रष्टाचार की गुंजाइश।स्वचालित और विकेन्द्रीकृत प्रक्रिया से बिचौलियों की समाप्ति।

स्वीडन, जॉर्जिया, घाना, होंडुरास और यूके जैसे कई देशों में ब्लॉकचेन-आधारित भूमि रजिस्ट्री पायलट प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक चल रहे हैं। ये उदाहरण बताते हैं कि यह तकनीक केवल एक सिद्धांत नहीं, बल्कि एक व्यवहार्य समाधान है।

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट का Blockchain land registration का सुझाव एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। यह न केवल संपत्ति बाजार को पारदर्शी बनाएगा, बल्कि धोखाधड़ी के मामलों को भी कम करेगा और नागरिकों के ‘संपत्ति खरीदने’ के अनुभव को पूरी तरह से बदल देगा। हालांकि, इस सपने को साकार करने के लिए, सरकार, विधि आयोग और तकनीकी विशेषज्ञों को मिलकर काम करना होगा।

भारत को एक ऐसी प्रणाली की सख्त जरूरत है जो लोगों को संपत्ति के स्वामित्व का ‘निर्णायक’ और धोखाधड़ी-मुक्त प्रमाण दे सके। ब्लॉकचेन तकनीक उस भविष्य की कुंजी है, और सुप्रीम कोर्ट का यह सुझाव उस दिशा में पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है। अब यह विधि आयोग और सरकार पर निर्भर करता है कि वे इस सुझाव को कितनी तेजी और कुशलता से एक ठोस रोडमैप में बदल पाते हैं।

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