Hanuman Chalisa पाठ कितना लाभकारी है ?

Hanuman Chalisa पाठ कितना लाभकारी है ?

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Hanuman Chalisa : हनुमान चालीसा में प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हनुमान जी के गुणों एवं कार्यों का वर्णन है। हनुमान चालीसा गोस्यवामी तुलसीदास द्वारा लिखी गयी है जिसमें पवनपुत्र श्री हनुमान जी की सुन्दर स्तुति की गई है। इसमें बजरंगबली‍ जी की भावपूर्ण वन्दना के साथ साथ प्रभु श्रीराम के गुणों का भी उल्लेख  किया गया है।

हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa का सार

हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa का सार

  • इसकी रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी।
  • यह प्रभु श्री राम के महान भक्त हनुमान जी के गुणों एवं कार्यों का वर्णन करती है।
  • हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से जीवन में भय से मुक्ति और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
  • हनुमान जी को वीरता, भक्ति और साहस की प्रतिमूर्ति माना जाता है।
  • हनुमान चालीसा के पाठ से भय दूर होता है, क्लेश मिटते हैं, और मन में श्रेष्ठ ज्ञान के साथ भक्तिभाव जागृत होता है।
  • शनिवार के दिन Hanuman Chalisa का विशेष महत्व है।
  • हनुमान चालीसा पढ़ने से जीवन के सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं।
  • शनिवार के दिन हनुमान चालीसा पढ़ने से शनि साढ़ेसाती और ढैया का प्रकोप भी कम होता है।

शिव जी के रुद्रावतार माने जाने वाले हनुमान जी के इन 12 नामों को  हनुमान, अंजनीसुत, वायुपुत्र, महाबल, रामेष्ट, फाल्गुनसखा, पिंगाक्ष, अमितविक्रम, उदधिक्रमण, सीतोशोकविनाशन, लक्ष्मणप्राणदाता, दशग्रीवदर्पहा नामों से भी जाना जाता है। मान्यता है कि हनुमान जी अजर-अमर हैं। हनुमान जी का प्रतिदिन ध्यान करने और उनके मन्त्र जाप करने से मनुष्य के सभी भय दूर होते हैं।

सम्पूर्ण हनुमान चालीसा नीचे  लिखी गयी है पढ़िए लाभ लीजिये ,

॥ श्री हनुमान चालीसा॥

॥ दोहा॥

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु,जो दायकु फल चारि ॥

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार ।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ॥

॥ चौपाई ॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥

राम दूत अतुलित बल धामा ।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥

महाबीर बिक्रम बजरंगी ।
कुमति निवार सुमति के संगी ॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा ।
कानन कुण्डल कुँचित केसा ॥

हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजै ।
काँधे मूँज जनेउ साजै ॥

शंकर स्वयं/सुवन केसरी नंदन ।
तेज प्रताप महा जगवंदन ॥

बिद्यावान गुनी अति चातुर ।
राम काज करिबे को आतुर ॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।
राम लखन सीता मन बसिया ॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।
बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥

भीम रूप धरि असुर सँहारे ।
रामचन्द्र के काज सँवारे ॥

लाय सजीवन लखन जियाए ।
श्री रघुबीर हरषि उर लाये ॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई ।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं ।
अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।
नारद सारद सहित अहीसा ॥

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना ।
राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१

तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना ।
लंकेश्वर भए सब जग जाना ॥

जुग सहस्त्र जोजन पर भानु ।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं ।
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥

दुर्गम काज जगत के जेते ।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥

राम दुआरे तुम रखवारे ।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥

सब सुख लहै तुम्हारी सरना ।
तुम रक्षक काहू को डरना ॥

आपन तेज सम्हारो आपै ।
तीनों लोक हाँक तै काँपै ॥

भूत पिशाच निकट नहिं आवै ।
महावीर जब नाम सुनावै ॥

नासै रोग हरै सब पीरा ।
जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥

संकट तै हनुमान छुडावै ।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥

सब पर राम तपस्वी राजा ।
तिनके काज सकल तुम साजा ॥

और मनोरथ जो कोई लावै ।
सोई अमित जीवन फल पावै ॥

चारों जुग परताप तुम्हारा ।
है परसिद्ध जगत उजियारा ॥

साधु सन्त के तुम रखवारे ।
असुर निकंदन राम दुलारे ॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ।
अस बर दीन जानकी माता ॥

राम रसायन तुम्हरे पासा ।
सदा रहो रघुपति के दासा ॥

तुम्हरे भजन राम को पावै ।
जनम जनम के दुख बिसरावै ॥

अंतकाल रघुवरपुर जाई ।
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥

और देवता चित्त ना धरई ।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ॥

संकट कटै मिटै सब पीरा ।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥

जै जै जै हनुमान गोसाईं ।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥

जो सत बार पाठ कर कोई ।
छूटहि बंदि महा सुख होई ॥

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।
होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा ।
कीजै नाथ हृदय मह डेरा ॥

॥ दोहा ॥

हनुमान चालीसा को बहुत शक्तिशाली माना जाता है। श्री हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का नियमित पाठ करने से जीवन में भय दूर दूर तक नजर नहीं आता है और भक्कीत की मनोकामनाएं पूरी होती है गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा रचित हनुमान चालीसा में चमत्कारी शक्तियों का वर्णन किया गया है, और श्री Hanuman Chalisa पाठ करने से हनुमंत कृपा हमेशा बनी रहती है ।

शनिवार के दिन हनुमान चालीसा पाठ करने का विशेष महत्व है। हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) पढ़ने से जीवन के सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। मान्यता है कि हनुमान भक्तों पर शनिदेव भी कृपा बरसाते है। शनिवार के दिन Hanuman Chalisa पढ़ने पर शनि साढ़ेसाती और ढैया का प्रकोप भी कम हो जाता है।


जय हनुमान” , “जय श्रीराम

शिव चालीसा

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