ब्लॉग पोस्ट में heading tags क्या है ?: जाने SEO के लिए HTML tags का सही उपयोग

Hemraj Maurya

क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप कोई ब्लॉग पोस्ट पढ़ते हैं, तो कुछ लाइनें बाकी टेक्स्ट से बड़ी और बोल्ड क्यों होती हैं? और खूबसूरत दिखती है रीडर्स का ध्यान खीचाती है इन्हें ही हेडिंग टैग्स कहते हैं। एक ब्लॉग पोस्ट की सफलता में heading tags का बहुत बड़ा हाथ होता है।

अगर आप अपने ब्लॉग पर ज्यादा ट्रैफिक लाना चाहते हैं और गूगल में टॉप पर रैंक करना चाहते हैं, तो हेडिंग टैग्स के इस्तेमाल को समझना आपके लिए बहुत जरूरी है। Amazing! The magic of H1 H2 H3 heading tags ब्लॉग पोस्ट में हम समझेंगे कि H1, H2, H3, और H4 हेडिंग टैग्स क्या होते हैं। इन हेडिंग टैग्स का SEO पर क्या असर होता है, और इन्हें सही तरीके से कैसे इस्तेमाल करें।

Heading tags क्या हैं और H1, H2, H3, H4 का इस्तेमाल क्यों जरूरी है?

हेडिंग टैग्स, जिन्हें हम H1, H2, H3, H4, H5, और H6 के नाम से जानते हैं, HTML के वो एलिमेंट्स हैं जिनका इस्तेमाल वेबसाइट के कंटेंट को स्ट्रक्चर देने के लिए किया जाता है। ये टैग्स किसी भी पेज या पोस्ट की हेडिंग और सब-हेडिंग को डिफाइन करते हैं।

इनका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि ये कंटेंट को टुकड़ों में बांटते हैं, जिससे रीडर्स के लिए पढ़ना आसान हो जाता है। सोचिए, अगर कोई ब्लॉग पोस्ट सिर्फ एक बड़े पैराग्राफ में लिखा हो, तो उसे पढ़ना और समझना कितना मुश्किल होगा। लंबे पैराग्राफ का अर्थ समझना काफी कठिन होता है लकिन हेडिंग टैग्स का सही इस्तेमाल इस मुश्किल को हल कर देता है।

Impact of heading tags on SEO

अब बात करते हैं सबसे जरूरी चीज की जो है SEO पर हेडिंग टैग्स का असर। गूगल जैसे सर्च इंजन आपके ब्लॉग पोस्ट को समझते समय इन हेडिंग टैग्स का इस्तेमाल करते हैं। वे इन टैग्स को देखकर यह अंदाजा लगाते हैं कि आपका कंटेंट किस बारे में है। इसलिए, हेडिंग टैग्स का सही इस्तेमाल आपके ब्लॉग को बेहतर रैंकिंग दिला सकता है।

Heading tags कंटेंट को स्ट्रक्चर देते हैं

हेडिंग टैग्स सर्च इंजन को बताते हैं कि आपकी पोस्ट का मुख्य विषय क्या है जो H1 heading tag होता है, और उसके अंदर के सब-टॉपिक क्या हैं उन्हें H2, H3 बताते है। यह गूगल को आपके कंटेंट को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है।

कीवर्ड्स को बढ़ावा देते हैं

अगर आप अपने हेडिंग टैग्स में मुख्य focus keywords और संबंधित related keywords कीवर्ड्स का इस्तेमाल करते हैं, तो यह गूगल को आपके कंटेंट की quality यानि relevance को समझने में मदद करता है।

यूजर एक्सपीरियंस (UX) सुधारते हैं

जब कोई यूजर आपके ब्लॉग पर आता है, तो हेडिंग्स उसे कंटेंट को स्कैन करने में मदद करती हैं। अगर उन्हें जल्दी से पता चल जाता है कि वे क्या ढूंढ रहे हैं, तो वे आपकी वेबसाइट पर ज्यादा देर रुकेंगे। इससे बाउंस रेट कम होता है, जो एक सफल  SEO सिग्नल है।

अगर आपकी हेडिंग्स क्लियर और आकर्षक हैं, तो यूजर को सही जानकारी आसानी से मिल जाती है। इससे यूजर का अनुभव बेहतर होता है।

H1 Heading tags का इस्तेमाल: मुख्य शीर्षक में

H1 टैग आपके ब्लॉग पोस्ट का सबसे महत्वपूर्ण हेडिंग टैग है। यह किसी भी पोस्ट या पेज का मेन टाइटल होता हैं।

Rules for using H1 tag

1.  एक पोस्ट में सिर्फ एक H1 टैग: एक ब्लॉग पोस्ट में सिर्फ एक ही H1 हेडिंग का इस्तेमाल करें। यह आपके पेज या पोस्ट के मुख्य विषय को बताता है और सर्च इंजन पहला ध्यान इसी h1 heading tag पर जाता है।

2.  फोकस कीवर्ड का इस्तेमाल: अपने H1 टैग में अपना focus keyword जरूर डालें। यह गूगल को बताता है कि आपका पेज किस कीवर्ड के लिए रैंक होना चाहिए।

3.  आकर्षक और वर्णनात्मक (descriptive) हो: H1 टैग ऐसा होना चाहिए जो रीडर को पूरी पोस्ट का सार बता दे। h1 heading छोटा, आकर्षक और पोस्ट के बारे में पूरी जानकारी देने वाला होना चाहिए।

4.  मेटा टाइटल से अलग हो: अक्सर लोग H1 टैग और मेटा टाइटल को एक जैसा बना देते हैं, लेकिन ये दोनों अलग होने चाहिए। मेटा टाइटल गूगल सर्च रिजल्ट्स में दिखता है, जबकि H1 टैग आपके ब्लॉग पोस्ट के अंदर दिखता है। दोनों में कीवर्ड का इस्तेमाल करें, लेकिन दोनों में कीवर्ड को थोड़ा अलग रखें।

उदाहरण: अगर आपका फोकस कीवर्ड “how to use heading tags” है, तो आपका H1 टैग कुछ ऐसा हो सकता है: `H1: ब्लॉग पोस्ट में हेडिंग टैग्स का सही इस्तेमाल कैसे करें?`

मेटा टाइटल और H1 टैग में क्या अंतर है?

मेटा टाइटल (Meta Title) और H1 टैग दोनों ही SEO के लिए बहुत ज़रूरी हैं, लेकिन इनका मकसद और जगह अलग-अलग है. इन्हें एक जैसा रखने की बजाय, थोड़ा अलग रखे यह स्मार्ट SEO प्रैक्टिस है।

चलिए, इसे थोड़ा और समझते हैं

  • मेटा टाइटल: यह एक HTML टैग <title> होता है जो सर्च इंजन रिजल्ट पेज (SERP) पर आपके पेज के टाइटल के रूप में दिखाई देता है।यह वह पहली चीज़ है जो यूज़र गूगल सर्च में देखता है। इसका मुख्य काम सर्च करने वाले को आपके पेज पर क्लिक करने के लिए प्रेरित करना है। यह 60 कैरेक्टर तक होना चाहिए और इसमें मुख्य कीवर्ड शामिल होना जरुरी है।
  •     उदाहरण: कमाल! H1 H2 H3 हेडिंग टैग्स का कमाल । SEO गाइड
  •    मकसद: सर्च इंजन में क्लिक-थ्रू रेट (CTR) बढ़ाना.
  • H1 टैग: यह HTML टैग <h1> है जो आपकी वेबसाइट के पेज पर सबसे पहली और सबसे बड़ी हेडिंग के रूप में दिखाई देता है। यह आपके आर्टिकल या ब्लॉग पोस्ट का मुख्य शीर्षक होता है. जो यूज़र को बताता है कि पेज किस बारे में है और कंटेंट की शुरुआत करता है.
  •   उदाहरण: ब्लॉग पोस्ट में हेडिंग टैग्स का सही इस्तेमाल कैसे करें?
  •   मकसद: यूज़र को कंटेंट के बारे में बताना और पेज की संरचना को स्पष्ट करना है ।

दोनों को अलग क्यों रखना चाहिए?

  • यूज़र अनुभव (User Experience) के लिए: जब कोई यूज़र गूगल पर कुछ सर्च करके आपकी वेबसाइट पर आता है, तो वह मेटा टाइटल को देखता है। अगर पेज पर आने के बाद उसे H1 टैग में थोड़ा अलग, लेकिन मिलते-जुलते कीवर्ड्स वाला टाइटल दिखता है, तो यह उसके लिए और ज़्यादा भरोसेमंद लगता है। यह बताता है कि पेज का कंटेंट सटीक और उपयोगी है।
  • SEO के लिए: गूगल को यह पसंद है कि आप अपने कंटेंट में थोड़ा विविधता (diversity) रखें। अगर आपका मेटा टाइटल और H1 टैग दोनों बिलकुल एक जैसे हैं, तो यह थोड़ा रोबोटिक लग सकता है। दोनों में मिलते-जुलते लेकिन अलग-अलग कीवर्ड्स का इस्तेमाल करने से गूगल को आपके कंटेंट की relevancy को और बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलती है.
  • संक्षेप में, मेटा टाइटल आपके पेज का चेहरा है जो गूगल में दिखता है, जबकि H1 टैग आपके पेज के अंदर का मुख्य दरवाजा है। दोनों ही अपनी-अपनी जगह पर महत्वपूर्ण हैं और दोनों का सही उपयोग आपके ब्लॉग पोस्ट की सफलता में बहुत बड़ा योगदान दे सकता है।

H2 Heading Tag का इस्तेमाल: मुख्य सेक्शन

H2 टैग आपके ब्लॉग पोस्ट के मुख्य सेक्शन के लिए होता है। एक तरह से, यह H1 टैग के नीचे आता है और मुख्य विषय को छोटे-छोटे, मैनेजेबल हिस्सों में बांटता है। एक पोस्ट में आप H2 टैग्स का इस्तेमाल कितनी भी बार कर सकते हैं।

H2 टैग उपयोग करने के नियम:

  1. कंटेंट को बांटें: H2 का इस्तेमाल बड़े-बड़े पैराग्राफ को छोटे-छोटे सेक्शन में बांटने के लिए करें।
  2. संबंधित कीवर्ड्स का इस्तेमाल: H2 टैग्स में अपने related keywords और लॉन्ग-टेल कीवर्ड्स का उपयोग करें। यह सर्च इंजन को आपके कंटेंट की गहराई (depth) बताता है।
  3. तार्किक (logical) क्रम में हों: सुनिश्चित करें कि आपके H2 टैग्स एक तार्किक क्रम में हों। जैसे, पहले आप “क्या होते हैं” बताएं, फिर “इनका उपयोग कैसे करें” यह बताएं और अंत में “इनका SEO पर असर” बताएं।

उदाहरण: `H2: SEO पर हेडिंग टैग्स का असर। इन हेडिंग्स से यूजर को पता चल जाता है कि इस सेक्शन में किस बारे में चर्चा होगी।

H3 Headings tags का इस्तेमाल: सब-सेक्शन में

H3 टैग H2 टैग के अंदर इस्तेमाल होता है। इसका काम H2 सेक्शन के अंदर के बिंदुओं को और भी छोटे हिस्सों में बांटना है। यह आपके कंटेंट को और भी ज्यादा ऑर्गेनाइज करता है और रीडर्स के लिए स्कैनिंग को बहुत आसान बनाता है।

H3 टैग का सही इस्तेमाल

  1. H2 के नीचे उपयोग करें: H3 टैग हमेशा एक H2 टैग के नीचे आना चाहिए। इसका मतलब है कि आप सीधे H1 से H3 पर नहीं जा सकते, बीच में H2 का होना जरूरी है।
  2. विस्तार से बताएं: H3 का उपयोग H2 हेडिंग के अंदर के किसी खास पॉइंट को विस्तार से बताने के लिए करें।
  3. आप इन टैग्स में और भी ज्यादा स्पेसिफिक या long-tail keywords का इस्तेमाल कर सकते हैं।

उदाहरण: H2 के अंदर “SEO पर हेडिंग टैग्स का असर” है, तो उसके अंदर आप H3 के रूप में `H3: कंटेंट को स्ट्रक्चर देते हैं` और `H3: कीवर्ड्स को बढ़ावा देते हैं` का इस्तेमाल कर सकते हैं।

H4 हेडिंग टैग का इस्तेमाल

H4 टैग का इस्तेमाल H3 टैग के अंदर के और भी छोटे पॉइंट्स को बताने के लिए किया जाता है। आमतौर पर, यह बहुत लंबी या बहुत ही टेक्निकल ब्लॉग पोस्ट में उपयोग होता है जहाँ बहुत ज्यादा डिटेल में जाना होता है।

### H4 टैग के नियम:

  1. H4 का उपयोग हमेशा H3 के बाद ही करें।
  2. ज्यादातर ब्लॉग पोस्ट में H1, H2, और H3 काफी होते हैं। H4 का इस्तेमाल तभी करें जब उसकी सही में जरूरत हो।
  3. इनका उपयोग किसी खास उदाहरण या डेटा को उजागर करने के लिए किया जा सकता है।

उदाहरण: H3 के अंदर “कंटेंट को स्ट्रक्चर देते हैं” है, तो उसके अंदर आप किसी खास पॉइंट को और समझाने के लिए `H4: यूजर एक्सपीरियंस कैसे बेहतर होता है` का उपयोग कर सकते हैं।

हेडिंग टैग्स इस्तेमाल करने के कुछ और नियम

हेडिंग टैग्स का सही इस्तेमाल करने के लिए कुछ और महत्वपूर्ण बातें हैं जिन्हें आपको हमेशा ध्यान में रखना चाहिए:

  • कीवर्ड स्टफिंग (Keyword Stuffing) से बचें: अपने हेडिंग टैग्स में जबरदस्ती कीवर्ड्स न भरें। यह आपके कंटेंट को अननेचुरल बना देता है और गूगल इसे एक नकारात्मक SEO प्रैक्टिस मानता है।
  • सीधे जंप न करें: हेडिंग्स के क्रम (hierarchy) का पालन करें। H1 के बाद H2, H2 के बाद H3, और H3 के बाद H4। कभी भी H1 से सीधे H3 पर न कूदें।
  • स्टाइलिंग के लिए इस्तेमाल न करें: हेडिंग टैग्स का इस्तेमाल सिर्फ टेक्स्ट को बोल्ड या बड़ा दिखाने के लिए न करें। इनका मुख्य काम कंटेंट को स्ट्रक्चर देना है, न कि उसे स्टाइल करना। स्टाइलिंग के लिए CSS का उपयोग करें।
  • इंसान के लिए लिखें: हमेशा ध्यान रखें कि आप हेडिंग्स सर्च इंजन से पहले इंसान के लिए लिख रहे हैं। आपकी हेडिंग्स क्लियर, समझने में आसान और पढ़ने में अच्छी होनी चाहिए।

Summary: The Right Way to Use Heading Tags

  1. H1: पोस्ट का मुख्य शीर्षक। एक ही होता है। इसमें फोकस कीवर्ड होता है।
  2. H2: मुख्य सेक्शन के शीर्षक। पोस्ट में कई हो सकते हैं। इनमें संबंधित कीवर्ड्स होते हैं।
  3. H3: H2 सेक्शन के उप-शीर्षक।
  4. H4: H3 सेक्शन के और भी छोटे उप-शीर्षक।
  5. पदानुक्रम (Hierarchy) का पालन करें: हमेशा H1 > H2 > H3 > H4 क्रम में चलें।
  6. कीवर्ड्स को समझदारी और प्राकृतिक रूप से इस्तेमाल डालें।
  7. रीडर्स को ध्यान में रखते हुए हेडिंग्स को पढ़ने में आसान और आकर्षक बनाएं।

अगर आप इन नियमों का पालन करते हैं, तो आप अपने रीडर्स के लिए एक बेहतरीन कंटेंट तैयार करेंगे,  और सर्च इंजन को भी यह बता पाएंगे कि आपका कंटेंट किस बारे में है। यही है SEO-फ्रेंडली हेडिंग टैग्स का असली जादू।

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सामान्य प्रश्न (FAQs)

Q1: एक ब्लॉग पोस्ट में कितने H1 टैग्स होने चाहिए?

Ans: एक ब्लॉग पोस्ट में सिर्फ एक ही H1 टैग होना चाहिए। यह आपकी पोस्ट का मुख्य शीर्षक होता है।

Q2: क्या हम H1 के बाद सीधे H3 का इस्तेमाल कर सकते हैं?

Ans: नहीं, यह एक गलत प्रैक्टिस है। आपको हमेशा हेडिंग्स के क्रम (H1 > H2 > H3) का पालन करना चाहिए।

Q3: क्या हेडिंग टैग्स SEO रैंकिंग के लिए महत्वपूर्ण हैं?

Ans: हाँ, बिल्कुल। हेडिंग टैग्स सर्च इंजन को आपके कंटेंट की संरचना और विषय को समझने में मदद करते हैं, जिससे SEO रैंकिंग में सुधार होता है।

Q4: हेडिंग टैग्स में कीवर्ड्स डालना जरूरी है?

Ans: हेडिंग टैग्स में मुख्य और संबंधित कीवर्ड्स का इस्तेमाल करना एक अच्छी SEO प्रैक्टिस है, लेकिन कीवर्ड स्टफिंग से बचें। कीवर्ड्स को प्राकृतिक तरीके से इस्तेमाल करें।

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