India completely stopped the water to Pakistan : भारत ने पाकिस्तान जा रहे रावी नदी के पानी को पूरी तरह रोका, मुश्किल में पड़ोसी देश

India completely stopped the water to Pakistan : भारत ने पाकिस्तान जा रहे रावी नदी के पानी को पूरी तरह रोका, मुश्किल में पड़ोसी देश

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India completely stopped the water to Pakistan : भारत ने अपने प्रतिष्ठित निर्माण योजना, पानी के संसाधनों को संरक्षित करने के उद्देश्य से पाकिस्तान को जा रहे रावी नदी के पानी को पूरी तरह रोक दिया है। यह नई कदम पाकिस्तान को नई मुश्किल में डाल देगा, जिसमें वह पानी की कमी का सामना करेगा। hindiluck news

भारत की यह (India completely stopped the water to Pakistan) निर्णयक पहल पाकिस्तान के विवादास्पद क्षेत्रों के साथ रिश्तों में और तनाव पैदा कर सकती है। रावी नदी का पानी पंजाब प्रांत से होकर गुजरता है, और यह नदी पाकिस्तान के कई हिस्सों को जल संसाधन और कृषि के लिए जल प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है।

India completely stopped the water to Pakistan संक्षिप्त विविरण –

* रविवार, 26 फरवरी, 2024 को शाहपुर कंडी बैराज के बनने के बाद, भारत ने पाकिस्तान जाने वाले रावी नदी के पानी को रोक दिया।

* यह जल प्रबंधन में एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।

* पंजाब के पठानकोट जिले में स्थित शाहपुर कंडी बैराज का निर्माण पिछले 30 सालों में कई बार टल चुका था।

* अब यह भारत को 1,150 क्यूसेक पानी रोकने में मदद करेगा, जो पहले पाकिस्तान को दिया जाता था।

* रिपोर्टों के अनुसार, इस पानी का उपयोग अब  जम्मू और कश्मीर के कठुआ और सांबा जिलों में सिंचाई के लिए किया जाएगा।

* अब यह कृषि और जलविद्युत उत्पादन दोनों को बढ़ावा देगा।

India completely stopped the water to Pakistan
India completely stopped the water to Pakistan image credit to media

1960 की सिंधु जल संधि: Indus Water Treaty of 1960

* इस संधि के तहत, रावी नदी के पानी का एक हिस्सा लखनपुर बांध के माध्यम से पाकिस्तान को भेजा जाता था।

* शाहपुर कंडी बैराज के बनने से भारत को रावी, सतलुज और ब्यास नदियों पर पूर्ण नियंत्रण मिल जाएगा।

* पाकिस्तान को अभी भी सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों से पानी मिलेगा।

शाहपुर कंडी बैराज का इतिहास:

* 1995 में, पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने शाहपुर कंडी बैराज परियोजना की आधारशिला रखी थी।

* जम्मू-कश्मीर और पंजाब सरकारों के बीच विवादों के कारण, परियोजना को 4 साल से अधिक समय के लिए निलंबित कर दिया गया था।

* 2008 में, इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था, लेकिन 2013 तक इसका निर्माण शुरू नहीं हो सका।

* 2018 में, केंद्र ने दोनों राज्यों के बीच मध्यस्थता की और काम फिर से शुरू हुआ।

* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2026 में परियोजना को पूरा करने का संकल्प लिया था।

भारत ने सतलुज पर भाखड़ा बांध, ब्यास पर पोंग और पंडोह बांध और रावी पर थीन (रंजीतसागर) जैसी कई जल प्रबंधन परियोजनाएं शुरू की हैं।

ब्यास-सतलज लिंक और इंदिरा गांधी नहर परियोजना जैसी परियोजनाओं ने भारत को पूर्वी नदियों के पानी का 95% उपयोग करने में मदद की है।

शाहपुर कंडी बैराज भारत को जम्मू-कश्मीर और पंजाब में कृषि और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

अतिरिक्त महत्वपूर्ण जानकारी-

माधोपुर के नीचे रावी नदी से लगभग 2 मिलियन एकड़ फीट पानी पाकिस्तान में बिना उपयोग के बहता रहा।

शाहपुर कंडी बैराज भारत को इन जल संसाधनों का दोहन करने में मदद करेगा।

India completely stopped the water to Pakistan निष्कर्ष:

शाहपुर कंडी बैराज भारत के लिए एक महत्वपूर्ण जल प्रबंधन परियोजना है।

यह भारत को रावी नदी के पानी का अधिकतम उपयोग करने और जम्मू-कश्मीर और पंजाब में कृषि और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

India completely stopped the water to Pakistan: पाकिस्तान का पानी रोकने पर एक विश्लेषण-

भारत ने India completely stopped the water to Pakistan निर्णय का एलान करते हुए कहा कि यह पानी के संसाधनों को बेहतर उपयोग के लिए सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है। इस नदी के पानी को रोकने से पाकिस्तान के कई क्षेत्रों में कृषि और पानी की आपूर्ति पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है।

पाकिस्तान ने भारत के India completely stopped the water to Pakistan कदम पर  प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा , कि यह भारत-पाकिस्तान संबंधों के लिए एक और महत्वपूर्ण मुद्दा है। इस निर्णय के परिणामस्वरूप, पाकिस्तान को अपने कृषि और जल संसाधनों की मांगों को पूरा करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

इसके अलावा, यह नई पल की बड़ी चुनौती पाकिस्तान के लिए हो सकती है, जो अपनी कृषि और जल संसाधनों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अब नए संभावनाओं की तलाश करेगा।

इस निर्णय के अलावा, भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव को और बढ़ा सकता है और क्षेत्र में नए राजनीतिक और सुरक्षा के संकटों को जन्म दे सकता है।

इस परिस्थिति में, दोनों देशों को संभावित संवाद की ओर बढ़ने की आवश्यकता है ताकि समस्याओं का समाधान किया जा सके और क्षेत्र में स्थिरता और शांति की स्थिति को बनाए रखा जा सके।

भारत और पाकिस्तान के बीच जल संसाधनों पर यह नया उल्लंघन संबंधों को और भी तंग कर सकता है, लेकिन दोनों देशों को सावधानी और समझदारी से काम करना चाहिए ताकि क्षेत्र में स्थिरता बनी रहे।

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