What is Critical Illness Insurance? जानिए इसके फायदे, कवरेज और किसे खरीदना चाहिए

Critical Illness Insurance kya hai? क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस क्यों ज़रूरी है? जानियें Coverage of Critical Illness Insurance क्या है, यह कैसे हेल्थ इंश्योरेंस से अलग है, और पॉलिसी खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

क्या क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस खरीदना सही है? (A Top Guide)

Critical Illness Insurance क्या है व्यक्ति के जीवन के लिए क्यों जरुरी है इसे खरीदने के लिए किन किन ब आतों का ध्यान रखन चाहिए और मिलनेवाले लाभों को विस्तार में जाने ।

1. क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस क्या है? (What is a Critical Illness Insurance Policy?)

क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस पॉलिसी एक विशेष प्रकार की बीमा पॉलिसी है जो पॉलिसीधारक को किसी गंभीर बीमारी के डायग्नोसिस पर एकमुश्त (lump-sum) राशि का भुगतान करती है। यह राशि सीधे आपको मिलती है, जिसका इस्तेमाल आप अपनी ज़रूरत के अनुसार कर सकते हैं। Critical Illness Insurance Policy आपके सामान्य हेल्थ इंश्योरेंस से अलग है, Health Insurance आमतौर पर सिर्फ अस्पताल के बिलों का भुगतान करता है। यह Critical Illness पॉलिसी आपको इनकम लॉस की भरपाई करने में भी मदद करती है, अगर आप बीमारी के कारण काम नहीं कर पाते हैं। तब life and Critical Illness Insurance का एकमुश्त भुगतान आपकी वित्तीय स्थिति को संभालता है, जिससे आप बिना किसी चिंता के अपने इलाज करा सकते हैं।

2. क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस की क्यों है जरूरत?

आज की तरंगो की दुनिया में, जहाँ खान पान शुद्ध नहीं रहा गया है ऐसे में व्यक्ति के जीवन से जुड़ी बीमारियाँ जैसे हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियाँ (Critical Illness) तेज़ी से बढ़ रही हैं, हमेशा एक गंभीर बीमारी का खतरा हमेशा बना रहता है। ऐसी स्थिति व्यक्ति को न केवल मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान करती है, बल्कि इसका इलाज बहुत महंगा होता है, जिससे आपकी सारी बचत को खत्म जाती है।

इसी वित्तीय जोखिम से बचाने के लिए Critical Illness Insurance एक महत्वपूर्ण साधन, समाधान के रूप में सामने आया है। यह Critical Illness Insurance coverage सिर्फ हेल्थ इंश्योरेंस नहीं, बल्कि एक अतिरिक्त सुरक्षा कवच है जो आपको और आपके परिवार को आर्थिक रूप से सुरक्षित रखता है। यह Critical Illness Insurance worth it पॉलिसी समय की ज़रूरत है, खासकर जब चिकित्सा खर्च लगातार महंगे हो रहे हैं।

आजकल, लोग अपने जीवन और भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कई तरह के प्लान्स लेते हैं। इनमें से सबसे आम प्लान लाइफ एंड क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस हैं। लाइफ इंश्योरेंस आपके परिवार को आपके निधन के बाद वित्तीय सुरक्षा देता है, जबकि क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस आपके जीवित रहते हुए किसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। दोनों ही मिलकर एक संपूर्ण वित्तीय सुरक्षा परिधि बनाते हैं।

Also Useful-Health Insurance Claim Without Rejection – Step-by-Step Guide 2025

3. क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस में क्या-क्या कवर होता है?

पॉलिसी के आधार पर कवर होने वाली बीमारियों की लिस्ट अलग-अलग हो सकती है। क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस कवरेज में आमतौर पर निम्नलिखित गंभीर बीमारियाँ शामिल होती हैं:

  • हृदय संबंधी रोग Heart Attack, कोरोनरी धमनी बाईपास सर्जरी (Coronary Artery Bypass Surgery)।
  • सभी प्रकार के प्रमुख कैंसर (Major Cancer)।
  • तंत्रिका संबंधी रोग जैसे स्ट्रोक (Stroke), पक्षाघात (Paralysis), ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor), मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple Sclerosis)।
  • गुर्दे का फेल होना (Kidney Failure) जिसके लिए डायलिसिस की ज़रूरत हो, अंग प्रत्यारोपण (Major Organ Transplant)।
  • अन्य बीमारी जैसे Permanent Paralysis, Coma, Major Burns.

एक्सीडेंट एंड क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस जैसी कुछ पॉलिसीज़ गंभीर दुर्घटनाओं को भी कवर करती हैं। कुछ प्रीमियम प्लान 100 तक गंभीर बीमारियों को कवर करते हैं लेकिन आपको यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप अपनी ज़रूरत के अनुसार सही कवरेज चुनें।

4. क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस में क्या अंतर है?

क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस और सामान्य हेल्थ इंश्योरेंस में कई महत्वपूर्ण अंतर हैं, जिन्हें समझना बहुत ज़रूरी है। यह समझना बहुत ज़रूरी है कि क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस आपकी सामान्य हेल्थ इंश्योरेंस का विकल्प नहीं, बल्कि उसका पूरक (complement) है।

पॉइंटक्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस (Critical Illness Insurance)हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance)
भुगतान का प्रकारबीमारी के डायग्नोसिस पर एकमुश्त राशि (lump-sum) मिलती है।अस्पताल में भर्ती होने और इलाज के बिलों का भुगतान किया जाता है (reimbursement)।
पैसे का उपयोगआपकी मर्ज़ी पर निर्भर करता है, जैसे इलाज, कर्ज़ चुकाना, या दैनिक खर्चे।सिर्फ अस्पताल के खर्चों, दवाइयों और इलाज के लिए।
कवरेज का उद्देश्यइलाज के साथ-साथ आय के नुकसान और अन्य खर्चों को कवर करना।मुख्य रूप से अस्पताल में भर्ती होने के खर्चों को कवर करना।
प्रीमियमआमतौर पर हेल्थ इंश्योरेंस की तुलना में कम होता है क्योंकि इसमें बीमारियों की एक सीमित लिस्ट कवर होती है।कवरेज के आधार पर अधिक हो सकता है।
क्लेम प्रक्रियाडायग्नोसिस रिपोर्ट जमा करने पर क्लेम मिल जाता है।अस्पताल के बिल और अन्य दस्तावेज़ जमा करने होते हैं।
धूम्रपान करने वालों के लिए Term Insurance for Smokers की पूरी जानकारी

5. क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस खरीदने के फायदे (Benefits of Buying a Critical Illness Insurance Plan)

क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस के कई महत्वपूर्ण फायदे हैं जो इसे आपके लिए एक अच्छा निवेश बनाते हैं।

• एक गंभीर बीमारी के दौरान, इलाज के साथ-साथ परिवार के दैनिक खर्च भी चलते रहते हैं। यह इंश्योरेंस आपकी मेहनत की कमाई और बचत को खत्म होने से बचाता है। एकमुश्त राशि का उपयोग आप अपनी सुविधानुसार कर सकते हैं, चाहे वह इलाज के लिए हो या घर के मासिक खर्चों के लिए।

• यदि बीमारी के कारण आपको नौकरी छोड़नी पड़े या आप कुछ समय के लिए काम न कर पाएँ, तो यह एकमुश्त राशि आपके परिवार के लिए आय का साधन बन सकती है। यह आपके आय के नुकसान को वित्तीय स्थिरता प्रदान करती है।

पैसे की पूरी आज़ादी हो जाती है आप मिलने वाले पैसे को अपनी मर्ज़ी से इस्तेमाल कर सकते हैं। आप इसका उपयोग इलाज के अलावा, घर का किराया, बच्चों की शिक्षा, कर्ज़ चुकाने या अन्य ज़रूरी खर्चों के लिए कर सकते हैं।

• यह जानकर मन को सुकून मिलता है कि आप और आपका परिवार किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए आर्थिक रूप से मजबूत हैं। इससे आपकी मानसिक शांति बनी रहती है।

Benefits of early life insurance investment: Financial security and savings

6. किसे खरीदनी चाहिए यह पॉलिसी? (Who Can Benefit from a Critical Illness Insurance Policy?)

यह पॉलिसी हर उस व्यक्ति के लिए ज़रूरी है जो:

  • जो अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य है, उनकी अनुपस्थिति में भी परिवार की वित्तीय ज़रूरतें पूरी होती रहें।
  • जिसके परिवार में गंभीर बीमारियों का इतिहास रहा है ऐसे लोग जिनका जेनेटिक जोखिम अधिक है।
  • जिसकी नौकरी में बहुत ज़्यादा तनाव या शारीरिक जोखिम है ऐसे लोगों में बीमारी का खतरा ज़्यादा होता है।
  • जो अपनी मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज से संतुष्ट नहीं है उनके यह एक अतिरिक्त सुरक्षा कवच प्रदान करता है।

यह  क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस केवल बुजुर्गों के लिए नहीं है। आजकल युवा भी तनाव और खराब जीवनशैली के कारण ऐसी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं, इसलिए कम उम्र में ही Critical Illness Insurance Policy खरीदना फायदेमंद होता है। कम उम्र में खरीदने से प्रीमियम भी कम रहता है।

7. Critical Illness Insurance Policy चुनते समय ध्यान रखने योग्य बातें

Best Critical Illness Insurance policy चुनने का प्रयास करे और इन बातों पर ध्यान दें-

1.ऐसी पॉलिसी चुनें जो ज़्यादा से ज़्यादा गंभीर बीमारियों को कवर करती हो।

2.सुनिश्चित करें कि आपकी कवरेज राशि इतनी हो कि आपके इलाज और अन्य सभी खर्चों को पूरा कर सके। यह Sum Assured राशि आपके सालाना आय का कम से कम 3 से 5 गुना होनी चाहिए।

3.Waiting Period वह समय है जिसके दौरान आप क्लेम नहीं कर सकते। आमतौर पर यह 90 दिन होता है, लेकिन कुछ पॉलिसी में यह अलग भी हो सकता है।

4.Survival Period का ध्यान रखे, यह वह समय है जब आपको बीमारी के डायग्नोसिस के बाद जीवित रहना ज़रूरी है ताकि आप क्लेम की राशि प्राप्त कर सकें। यह 7 से 30 दिनों तक हो सकता है।

5.Exclusions of Critical Illness Insurance Plans: पॉलिसी के उन नियमों को ध्यान से पढ़ें जिनमें बताया गया है कि किन परिस्थितियों में क्लेम नहीं मिलेगा। आमतौर पर, इसमें पहले से मौजूद बीमारियाँ, कॉस्मेटिक सर्जरी, युद्ध से जुड़ी चोटें और नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाली बीमारियाँ शामिल होती हैं।

6. कंपनी का Claim Settlement Ratio ज़रूर जाँचें। यह जितना अधिक होगा, कंपनी उतनी ही भरोसेमंद मानी जाएगी।

8. क्लेम कैसे फाइल करें? (How to File a Claim for a Critical Illness Policy?)

क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी के लिए क्लेम फाइल करना सामान्य हेल्थ इंश्योरेंस की तुलना में ज़्यादा आसान होता है।

  1. बीमारी के डायग्नोसिस के बाद, तुरंत अपनी इंश्योरेंस कंपनी को सूचित करें। आप कंपनी की वेबसाइट, ईमेल या टोल-फ्री नंबर का उपयोग कर सकते हैं।
  2. कंपनी द्वारा माँगे गए सभी ज़रूरी मेडिकल दस्तावेज़, जैसे कि डायग्नोसिस रिपोर्ट, डॉक्टर का प्रमाण पत्र, अस्पताल की रिपोर्ट और क्लेम फॉर्म जमा करें।
  3. कंपनी आपके दावे और दस्तावेज़ों का सत्यापन करेगी। वे यह सुनिश्चित करेंगी कि आपकी बीमारी पॉलिसी की लिस्ट में शामिल है और सभी शर्तें पूरी हो रही हैं।
  4. सत्यापन के बाद, एकमुश्त राशि सीधे आपके बैंक अकाउंट में जमा कर दी जाएगी।

निष्कर्ष: एक सुरक्षा कवच जो जीवन को आसान बनाता है

एक गंभीर बीमारी का डर जीवन की अनिश्चितताओं में से एक है। क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदकर, आप इस डर को कम कर सकते हैं और अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं। यह सिर्फ पैसों का मामला नहीं है, बल्कि यह आपको मानसिक रूप से इतनी ताकत देता है कि आप पूरी हिम्मत से बीमारी का मुकाबला कर सकें। यह एक ऐसा सुरक्षा कवच है जो आपको और आपके परिवार को वित्तीय संकट से बचाता है, और आपको जीवन की सबसे कठिन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है।

सही पॉलिसी चुनने से लेकर क्लेम फाइल करने तक की प्रक्रिया को समझकर, आप अपने और अपने परिवार के लिए एक बेहतर और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।

Popular FQs of Life and Critical Illness Insurance coverage

1. क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस क्या है और यह सामान्य हेल्थ इंश्योरेंस से कैसे अलग है?

क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस एक विशेष पॉलिसी है जो किसी गंभीर बीमारी (जैसे कैंसर या दिल का दौरा) का पता चलने पर पॉलिसीधारक को एकमुश्त (lump-sum) राशि का भुगतान करती है। जबकि हेल्थ इंश्योरेंस केवल अस्पताल के बिलों का भुगतान करता है।

Q-2. Critical Illness Insurance पॉलिसी में आमतौर पर कौन-कौन सी गंभीर बीमारियाँ कवर होती हैं?

Ans. Critical Illness Insurance में आमतौर पर कैंसर, दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी फेल होना, ब्रेन ट्यूमर और अंगों का प्रत्यारोपण (organ transplant)। कुछ पॉलिसी में एक्सीडेंट एंड क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस भी शामिल होता है, जिसमें दुर्घटनाओं को भी कवर किया जाता है।

Q-3. किसे क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदनी चाहिए?

यह पॉलिसी हर उस व्यक्ति के लिए ज़रूरी है जो अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य है, जिनके परिवार में गंभीर बीमारियों का इतिहास रहा है, या जिनकी नौकरी में ज़्यादा तनाव होता है। आज की जीवनशैली को देखते हुए, युवाओं के लिए भी इसे कम उम्र में खरीदना फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे प्रीमियम कम रहता है और ज़्यादा समय के लिए कवरेज मिलता है।

Q-4. पॉलिसी चुनते समय किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है?

सही पॉलिसी चुनने के लिए आपको कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए:

कवर होने वाली बीमारियों की संख्या, सम एश्योर्ड, पॉलिसी का वेटिंग पीरियड (जिसके बाद आप क्लेम कर सकते हैं) और सर्वाइवल पीरियड (इलाज के बाद जीवित रहने का ज़रूरी समय) ज़रूर जाँचें।

कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो जितना ज़्यादा होगा, वह उतनी ही भरोसेमंद मानी जाएगी।

Q-5. क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी के लिए क्लेम कैसे फाइल करते हैं?

क्लेम फाइल करने की प्रक्रिया बहुत सरल है। बीमारी का पता चलने पर आपको तुरंत इंश्योरेंस कंपनी को सूचित करना होता है। इसके बाद, आपको ज़रूरी मेडिकल रिपोर्ट और क्लेम फॉर्म जमा करने होंगे। दस्तावेज़ों के सत्यापन के बाद, एकमुश्त राशि सीधे आपके बैंक अकाउंट में जमा कर दी जाती है।

Hemraj sharing his writing experience Blogging ,blog SEO, Youtube SEO, Insurance sector and more. He focused to share true and informative articles for every one.

Leave a Comment